हरेली पर कृषि औजारों की पूजा कर अच्छे फसल की कामना

First festival of Chhattisgarh: Hareli:— अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में हरेली त्यौहार परंपरागत ढंग से मनाया गया। किसानों ने हल सहित सभी प्रकार के कृषि यंत्रों की पूजा की। गांवों में बच्चे-युवा सभी ने गेंडी का मजा लिया।हरेली का पर्व कृषकों के लिए विशेष महत्व रखता है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में यह पर्व ज्यादा धूमधाम से मनाया जाता है। ग्राम चपले में कृषक परिवारों ने इस अवसर पर हल व कृषि उपकरणों की पूजा की।

औजार देवी-देवताओं के रूप माने जाते हैं

चपले ( रॉबर्टसन ) निवासी रवि पटेल ने बताया कि उनके परिवार में पीढ़ियों से इस त्यौहार को मनाया जा रहा है। आज के दिन सुबह घर के आंगन में साफ-सफाई कर मुरम बिछाई जाती है। इसके बाद हल,फावड़ा, गैंती, हसिया, कुदाल, साबर,बसुला, बिंधना, कटारी व अन्य सभी कृषि उपकरणों को अच्छी तरह से साफ कर एक जगह इकठ्ठा कर उनकी विधिवत पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि खेती का काम इन औजारों के बिना नहीं हो सकता, इसलिए ये औजार देवी-देवताओं के रूप माने जाते हैं , जिससे कि आने वाली फसल अच्छी हो और उसमें बीमारी या नजर न लगे।

हरेली पर कृषि औजारों की पूजा कर अच्छे फसल की कामना

गाँवो की देवी- देवताओं की जाती है पूजा 

हरेली के साथ ही हिन्दू धर्म में त्यौहारों का सिलसिला भी शुरू हो जाता है चूँकि यह साल का पहला त्यौहार होता है तो पुरे गाँवो व क्षेत्रवासियों की खुशहाली और एकता के लिए गाँवो के सभी देवी देवतावों की पूजा गाँवो के बैगा द्वारा ग्रामीणों द्वारा लाये गए नारयिल और चावल चढ़ा के किया जाता है।
समय के साथ अब गे़ंडी चढ़ने वाले कम ही नजर आते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे व युवा आज भी गेंड़ी का मजा लेते नजर आते हैं। दो बांस के सहारे बच्चे इस पर चढ़कर ऊंचाई पर चलने का आनंद लेते हैं।।

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